ش | ی | د | س | چ | پ | ج |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
امشب تو بهانة من باش
ای پرندة کوچک!
و لبخند که میزنی...
من اگر خدا بودم
سکوت را به شب میدادم
غم را به انسان
موسیَ را به بنیاسرائیل
و تو را برای خودم نگه میداشتم
من اگر خدا بودم
تو را روی اِوِرست بنا میکردم
امشب تو بهانة من باش
ای پرندة کوچک
شاید دچار ترانهای شوم...